कोरोना का फैलाव रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन के दौरान प्रदेश सहित सभी जिलों की सीमाओं को सील करने और जगह-जगह कड़ी जांच करने के पुलिस के दावे खोखले साबित हो रहे है। अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग निजी वाहनों से लगातार जोधपुर पहुंच रहे है। मंगलवार सुबह शहर के पावटा चौराहे पर पुलिस अधिकारी एक के बाद एक कर गुजरात से आने वाले छह वाहनों को देख चौंक उठे। इन सभी वाहनों में बड़ी संख्या में लोग भरे हुए थे।
मारवाड़ के लोग बड़ी संख्या में गुजरात व महाराष्ट्र सहित कई अन्य प्रदेशों में काम करते है। कोरोना इफेक्ट के कारण इनमें से बड़ी संख्या में लोग वापस अपने प्रदेश की तरफ लौटना शुरू हो गए। इनके माध्यम से करोना का गांवों तक फैलाव नहीं हो इसे ध्यान में रख राज्य सरकार ने लॉक डाउन घोषित कर सीमा को सील कर दिया। साथ ही रेल सेवा बंद होने के बाद निजी व सरकारी बसों का आवगमन भी रोक दिया। इसके बावजूद लोग निजी वाहनों से यहां आना शुरू हो गए। गुजरात-राजस्थान सीमा पर बरती जा रही सख्ती के कारण लंबा जाम लग गया।. इसके बाद कुछ लोग कच्चे रास्तों से होकर राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर रहे है। वहां से कई जिलों से होकर ये लोग यहां तक पहुंच रहे है। इन लोगों की प्रभावी जांच भी नहीं हो पा रही है।
जोधपुर में सोमवार को लॉक डाउन पूरी तरह से विफल रहने के बाद पुलिस ने आज सड़कों पर मोर्चा संभाल लिया। शहर के प्रत्येक चौराहे पर तैनात पुलिस सभी की जांच कर रही है। इसके बावजूद गुजरात नंबर के आठ वाहन पावटा चौराहे तक पहुंच गए। इसे देख वहां तैनात पुलिस अधिकारी भी चौंक उठे। बाद में पुलिस अधिकारियों ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को बुलाकर इन वाहनों में सवार सभी लोगों की जांच कराई। पुलिस का कहना है कि फिलहाल कोई करोना संदिग्ध रोगी नहीं मिला है। लेकिन उनका मानना है कि यह खतरे की घंटी है कि कई लोग बगैर किसी जांच के गांवों में पहुंच चुके है। ऐसे लोगों का पता लगा पाना बेहद मुश्किल काम है।